Showing posts with label "मेटा हैजा रोग" (राधा तिवारी " राधेगोपाल "). Show all posts
Showing posts with label "मेटा हैजा रोग" (राधा तिवारी " राधेगोपाल "). Show all posts

Tuesday, 28 May 2019

दोहे, "मेटा हैजा रोग" (राधा तिवारी " राधेगोपाल ")


मेटा हैजा रोग
Image result for वीर सावरकर फोटो
याद हमें भी आ रहा, सावरकर का नाम।
 मुक्त कराने देश को, किया उन्होंने काम।
 राधा देवी मातु थी,  दामोदर थे तात।
 लोगों के हित के लिए, करते थे वो बात।।

 जन्म अठ्ठाईस मई को, ग्राम भगुर का नाम।
 नासिक जिल्ले में रहे, अपनी उम्र तमाम ।।

 हैजे से होने लगी, मृत्यु वहाँ अकाल।
 छीन ले गया वीर से, मात-पिता को काल।।

 गोरे डब्ल्यू रैन ने, हैजा किया विराम।
 हद को पार किया उसने, जला के सारे ग्राम।।

 धूं-धूं जलती झोपड़ी, और जले कई लोग।
 इसी तरह अंग्रेज ने, मेटा हैजा रोग।।

 क्रूर बन गया शख्स वो, जो करता था राज।
 हैवानियत को पार कर, बन बैठा सरताज।।

 दो लालों ने हिंद के, रैन की ली जान।
 क्रोधी का तो क्रोध भी, और चढ़ा परवान।।

 लगातार मरने लगे, दोनों गुट के लाल।
 बदला लेने वीर ने, रूप धरा विकराल।।

  पुस्तक लिख कर के रखे, अपने सभी विचार।
 क्रोधी गोरे हो गए, उल्टा देख प्रचार।।

 स्वदेशी सब माल लो, कहते सदा ही वीर।
 अंग्रेजों की देश से, दूर करो तस्वीर।।

 माल विदेशी को जला, खेला होली खेल।
 अंग्रेजों की चाल को, करते थे वो फेल।।

 तेज तपस्या तीर का, सावरकर उपनाम।
 अटल बिहारी ने रखें, सावरकर के नाम।।

काले पानी कि सजा , भुगते दो दो बार l
रिहा वीर को कीजिये ,करता देश गुहार ll

 क्रांतिकारि लेखक रहे, था व्यक्तित्व महान्।
 सुधरे सकल समाज ये, था उनका अरमान।।