पेड़ लगाओ
सूरज जब नभ में आता है तन सबका ही झुलसाता है घर के अन्दर जाते लोग ताकि वो सब रहे निरोग ढूंढ रहे पेड़ों कि छाया पर अब पेड़ कहीं न पाया समय समय पर पेड़ लगाओ ताप धरा का दूर भगाओ ककड़ी तरबूजा तुम खाओ इससे शीतलता तुम पाओ जो नीम्बू का पीते जूस गर्मी से रहते महफूज़ हर प्राणी एक पेड़ लगाओ धरती पर हरियाली लाओ |