Friday 31 August 2018

आंखों में ख्वाब ( राधा तिवारी "राधेगोपाल " ),


आंखों में ख्वाब
आंखों में ख्वाब सुख के हो,   कोई  हो नमी।
 आपस में सबसे मित्रता होना हो दुश्मनी।।

 ग़म --दौर आएंगे और आके जाएंगे।
 जीने की तो  खुशी से हैमन में अब ठन्नी।।

 विचार सबके एक होंऔर मन भी एक हो 
रिश्ते के बीच मैं कभी भी, ना हो अनमनी।।

 धनवान वो नहीं है जोमहलो मे रह रहे।
 जिसका विशाल दिल यहाँ  हैवो ही तो  है धनी।।

 रहना है कैसे जग मेंराधे ये कह रही।
 रिश्ते बचाने के लिए, अनजान सी बनी।

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