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Monday, 19 September 2022

राधा तिवारी राधेगोपाल , बाल कविता , मोटू पतलू

 



 मोटू पतलू 

 मोटू पतलू भाई दो
 जाने क्यों रो रहे हैं वो
 मोटू कहता खाता जाऊँ 
भूख लगे तो सो नही पाँऊ
 पतलू को आया जब गुस्सा
 उसने मारा उसको घुसा
 गुस्से से हुई आंखें लाल
बदल गई पतलू की चाल
माँ नें तब आवाज लगाई
 अंदर आए दोनो भाई
 माँ ने उनको तब समझाया
 आपस का सब बैर भुलाया
 आपस में  हो भाई दो
लड़ कर यूं  बचपन  मत खो