बारिश
![]() कभी बारिश की छम छम है ,कभी सूरज चमकता है ।
तुम्हें तो देखकर राधे, का मन ऐसे मचलता है।।
घटाएं झूम कर आती, मयूरा नाच करता है ।
चकोरी देखकर रातों में , चंदा भी चमकता है।।
फिजा के बाद ही तो, फूल खिलते हैं बहारों में।
भंवर तितली को जब देखा ,तब उपवन महकता है ।।
रिश्तो को बचा लो आजकल, रिश्ते नहीं दिखते ।
जरा सी बात से ही आज, तो रिश्ता दरकता है।।
सजल सूखे खड़े हैं और उसमें ,है नहीं पत्ते ।
पत्तों में ही तो बैठकर पंछी दुबकता है ।।
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Thursday, 31 May 2018
बारिश Radha Tiwari ( " Radhegopal " )
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