जिसको भी दूर देखो वो ही
करीब हैll
राहों में पहले उनसे मुलाकात होती हैl
फिर चुपके चुपके से कुछ बात होती हैll
मिलना बिछड़ना उनका कोई तरकीब हैl
जिसको भी दूर देखो वो ही करीब हैll
होता है दुश्मन इन का सारा जमानाl
बहानों से इनको तो मिलने को है आनाll
दोनों ही आपस में रब और रकीब हैl
जिसको भी दूर देखो वो ही
करीब है ll
बनाता है जोड़ा तो ईश्वर सभी का l
नहीं देखता फर्क को
अजनबी का ll
मिले जिनको चाहत वही खुशनसीब है l
जिसको भी दूर देखो वो ही करीब
है ll
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Monday 29 October 2018
गीत "वो ही करीब है"( राधा तिवारी "राधेगोपाल " )
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