खूबसूरत ख्याल लिखती हूँ
खूबसूरत ख्याल लिखती हूँ
फिर मैं अपना ही हाल लिखती हूँँ
अनगिनत दे रहे हो तुम तो जवाब
मैं हमेशा ही उलझे सवाल लिखती हूँ
आईना झूठ भी कहता नहीं
फिर ना कहना बवाल लिखती हूँ
मैंने गीतों में तुमको ढाला है
शायरी में कमाल लिखती हूँ
तुझको पाकर भी खो दिया मैंने
प्यार को मैं मलाल लिखती हूँ
दिल तो रोशन तुम ही से है मेरा
दिल को फिर क्यों हलाल लिखती हूँ
लूटकर ले गया वह राधे को
ग़ज़ल में चाल-ढाल लिखती हूँ
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Tuesday 18 September 2018
ग़ज़ल " खूबसूरत ख्याल लिखती हूँ "( राधा तिवारी "राधेगोपाल " )
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