Wednesday 6 March 2019

कविता, आंसू, ( राधा तिवारी "राधेगोपाल " )


आंसू
Image result for ansoo
आंसू जब तक आंख में रहते कोई समझ नहीं पाता
 सहन नहीं होती जब पीड़ा तब वो बाहर आता

 नेत्र लाल जब हो जाते हैं सबको ये जतलाते
 टपक के आंसू आंख से दिल के भेद सभी खुल जाते

 दुख के आंसू खुशी के आंसू विस्मित हैं कर देते
 टपक टपक गालों पर आते सब को तब दिख जाते

 पल खुशियों से भरा जो आया तब भी बहते आंसू
दुखिया की पीड़ा को हरदम कहकर जाते आंसू

 दबी हुई है जो भी दिल में बात बताते आकर
 दिखने में तो एक बूंद है पर भर देते गागर

2 comments:

  1. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 07.03.2019 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3267 में दिया जाएगा

    धन्यवाद

    ReplyDelete
  2. सुंदर प्रस्तुति।
    नयी पोस्ट: इश्क़ और कश्मीर।

    ReplyDelete