Saturday, 28 October 2017

"छठ माँ का कर ध्यान" (राधे गोपाल)

भक्ति भाव से है भरा, कातिक का ये मास।
पूजा वन्दन को करें, मन में सब ले आस।।

सूरज की पूजा करो, जो जीवन का आधार।
 रवि-शशि के बिन है नहीं, दुनिया का कुछ सार।।

जाकर नदिया तीर पर, छठ माँ का कर ध्यान।
 संतानों की आयु का, माँगों सब वरदान।।

 लिए सुहागिन थाल को पहुँची नदिया तीर।
 रवि को अर्घ्य चढ़ा रही, हाथों में ले नीर।।

चली रिझाने मात को, लेकर गन्ना-धान।
पूजा थाली में भरा, मधुर-मधुर मिष्ठान।।

व्रत करके पूजा करो, कुशल रहेंगे बाल।
मनोकामना पूर्ण हो ,कह राधे गोपाल।।

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