Thursday 23 April 2020

मेरे विचार "नींव की ईंट" (राधा तिवारी " राधेगोपाल " )


"नींव की ईंट" 
"नींव की ईंट" वह है जिसके ऊपर विशाल महल खड़ा होता है।
 इसीलिए कहते हैं की नींव में मजबूत ईंट और पत्थरों का इस्तेमाल करना चाहिए।
 ये दिखाई तो नहीं देती है मगर जो महल खड़ा होता है उसे ही देखकर हमको पता चल जाता है कि इसकी नींव कितनी मजबूत होगी और यही मेरे साथ भी हुआ है।
 आज मैं जिस मुकाम पर हूँ उस पर्दे के पीछे यानी नींव की ईंट कौन है उनसे मैं आज आप सभी को मिलवाना चाहती हूँ।
 जी हाँ यह है मेरे पति परमेश्वर श्री गोपाल दत्त तिवारी जी। 
आपने मुझे पूरा सहयोग दिया आगे बढ़ने के लिए और आपके बारे में कुछ भी कहना सूर्य को दीपक दिखाने के बराबर होगा। 
आपका वरद हस्त सदा मेरे सर पर रहे। आपकी शुभकामनाएं और आशीर्वाद मुझे जन्म भर मिलता रहे।।

आप दीर्घायु हो, स्वस्थ रहो, खुश रहो।

1 comment:

  1. बहुत सुन्दर।
    आदरणईय गोपाल दत्त तिवारी की दीर्घायु की कामना करता हूँ।
    विश्व पुस्तक दिवस की बधाई हो।

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