Monday 28 October 2019

दोहे, हरियाली " ( राधा तिवारी "राधेगोपाल " )

हरियाली 
हरियाली के साथ में ,खिलते सुन्दर फूल।
पर सबको अच्छे लगें,वह समय अनुकूल।।

जल से जीवन है बनाधरा और आकाश 
जल करता है सभी की ,जग में पूरी आस।।

गुस्सा करने से सदारिश्ते होते तार 
दो नावों में बैठकर ,कैसे होंगे पार।।

जो करते संसार मेंसबके हित के काम।
 उनका तो होता अमरयुगों युगों तक नाम।।

श्रद्धा जिनमें हो निहितवो होते त्योहार।
 आपस में करना सदाप्रेम पूर्ण व्यवहार।।

 आपाधापी में लगा , सदियों से संसार 
प्यार-प्रीत की राह में , आया है व्यापार।।

अपने-अपने गुरू परहोता सब को नाज 
गुरु की कृपा हो अगर , सुधरे सकल समाज।।

2 comments:

  1. विविध रंगों में रंगे ... लाजवाब दोहे हैं सभी ...

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  2. आपाधापी में लगा सदियों से संसार
    प्यार प्रीत की राह में आया है यह व्यापार
    ... वह कितनी सार्थकता छिपी है इन दोहों में आपको पढ़ना एक एक सुखद अनुभूति रही ....💐👌💐👌सादर नमन

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