स्टीयरिंग
होता है विश्वास ही, जीवन का आधार ।
अपनों को ले साथ में, पार करो मझधार।।
लाठी डंडों से कभी, नहीं बनेंगे काम।
जीवो की रक्षा करो,पाजाओ आराम।।
सैर सपाटे के लिए, सुबह शाम अनुकूल ।
अच्छी सेहत के लिए, सैर न जाना भूल ।।
बच्चों को लेकर चले ,दादा करने सैर।
पोतों से वह बोलते, करो न जग में बैर ।।
रहकर के संग शूल के, मुस्काते हैं फूल।
पर मेरे आंसू गिरे, जब चुभ जाते शूल ।।
सुख को पाने के लिए ,दुख मत जाना भूल।
सुख दुख का तो संग है, इस जीवन का मूल ।।
ड्राइवर के तो हाथ में ,होती सबकी जान।
स्टीयरिंग को खींचकर,रखना सदा कमान।।
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Sunday 14 July 2019
दोहे, " स्टीयरिंग " ( राधा तिवारी "राधेगोपाल " )
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (15-07-2019) को "कुछ नया होना भी नहीं है" (चर्चा अंक- 3397) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'