करलो आज नहान।
संकट सारे दूर हों,
कृपा करें भगवान।।
पावन दिन है जाइए,
सब नदिया के तीर ।
ईश्वर की भक्ति करो,
भर अंजुलि
मैं नीर।।
जितना तुम को चाहिए, उतना दे
भगवान।
सच्चे मन से कीजिए, ईश्वर का गुणगान।।
जलचर नभ में देख कर, मोर रहे ललचाय।
नाचूंगा मैं झूमकर, बरखा जो
आ जाय ।।
फूल खिले हैं बाग में, षट्पद शोर मचाय।
मधुमक्खी का मन सदा, देख
पुष्प हर्षाय।।
गंगा तट पर जा रहे, मिलकर
रिश्तेदार ।
नहायेंगे जब साथ में, बढ़
जाएगा प्यार।।
काशी जी के घाट पर , जलते
दीप हजार ।
देव दिवाली का सभी ,मना रहे
त्यौहार।।
शीशे में मत देखना , अपना
यौवन रुप ।
'राधे' तेरे रूप की, चार दिनों की धूप।।
|
Saturday, 4 November 2017
कार्तिक पूर्णिमा "बढ़ जाएगा प्यार" (राधे गोपाल)
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment